डायलॉग कलेक्शन
Runway 34 movie
"तयारी उन्हें करनी पडती हैं, जो कुछ छुपाना चाहते हैं।" अजय देवगन
"अक्सर वें लोग लापरवाह हो जाते हैं, जो हमेशा सुरक्षित महसूस करते हैं।" अमिताभ बच्चन
"मछली पकडने के लिये, पानी में हलचल मचा दो।" बोमन इराणी
"दुसरो की गलतियां दिखाने से, खुद की गलती कम नही होती।" अमिताभ बच्चन
"गलती करने के बाद आप सिर्फ तींन चीजें कर सकते हैं- गलती मानना, गलती से सिखना और दोबारा उस गलती को ना दोहराना।" अमिताभ बच्चन
"हर हादसे के दो पहलू होते हैं - क्या हुआ और कैसे हुआ? सच हमेशा इन दोनों के दायरे मे छुपा होता हैं।" अजय देवगन
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एका जाहिराती मधला डायलॉग
"तयारी उन्हें करनी पडती हैं, जो कुछ छुपाना चाहते हैं।" अजय देवगन
"अक्सर वें लोग लापरवाह हो जाते हैं, जो हमेशा सुरक्षित महसूस करते हैं।" अमिताभ बच्चन
"मछली पकडने के लिये, पानी में हलचल मचा दो।" बोमन इराणी
"दुसरो की गलतियां दिखाने से, खुद की गलती कम नही होती।" अमिताभ बच्चन
"गलती करने के बाद आप सिर्फ तींन चीजें कर सकते हैं- गलती मानना, गलती से सिखना और दोबारा उस गलती को ना दोहराना।" अमिताभ बच्चन
"हर हादसे के दो पहलू होते हैं - क्या हुआ और कैसे हुआ? सच हमेशा इन दोनों के दायरे मे छुपा होता हैं।" अजय देवगन
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एका जाहिराती मधला डायलॉग
शत्रू कितीही शक्तिशाली असला तरीही आपला एकच योग्य डाव त्याला पराभूत करू शकतो
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"मानता हूॅं की, बिन जाने किसी बात को मान लेना अंधविश्वास है, लेकिन बिन जाने किसी बात को ठुकरा देना उससे भी बडा अंधविश्वास हैं |"
- "भूत पोलीस" मूव्ही का डायलॉग (अर्जुन कपूर सैफ से कहता है)
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सोनी चॅनेल "सूर्यपुत्र कर्ण" सिरीयल डायलॉग कलेक्शन (2018)
1. "अंधकार के भय से, जो अपनी आँखें बंद रखता है, वह बाद में आनेवाले सूर्योदय को कभी नहीं देख सकता।"
2. "वृक्ष की जड़े कितनी भी कोमल क्यों न हो, आखिर धरती को चीर ही देती है।"
3. "जो ऊपर है उनका हाथ कभी पकड़ते नहीं, और जो नीचे है उनका हाथ कभी छोड़ते नहीं।"
4. "न्याय प्रतीक्षा कर सकता है, लेकिन प्रतिशोध प्रतीक्षा नहीं करता।"
5. "संतोष हृदय का गुण होता है, परिस्थितियों का परिणाम नहीं! प्रत्येक मनुष्य स्वयं को संतोष सिखा सकता है! यदि मन असंतुष्ट हो, तो सब परिस्थितियां अन्याय ही प्रतीत होती है! इसलिये आवश्यक है की कर्ण को संतोष का पाठ सिखाओ!", महारथी भीष्म ने कर्ण के पिता (और अपने सारथी) अधिरथ से कहा! (सुर्यपूत्र कर्ण, एपिसोड 40)
6. "लोहा अगर ठीक से पीटा नहीं गया हो, तो तलवार युद्ध भूमि में टूट जाती है!" भीष्म ने धृतराष्ट्र से कहा. (सूर्यपुत्र कर्ण एपिसोड 42)
7. "सूर्य ग्रहण से होने वाले अंधकार को दुर्भाग्य माना जाता है, किंतु मेघों से जो छाया अंधकार होता है, वह तो सदभाग्य का प्रथम चिन्ह होता है।", भीष्म ने गुरु द्रोण से कहा (सूर्यपुत्र कर्ण एपिसोड 57)
8. "सामर्थ्य शस्त्र नहीं, अवसर मांगता है।", कर्ण दुर्योधन से कहा (सूर्यपुत्र कर्ण एपिसोड 58)
9. "मनुष्य नहीं, समय परिवर्तन लाता है! उचित समय की प्रतीक्षा करो पुत्र!", कुंती ने कर्ण से कहाँ.
"समय नहीं, साहस परिवर्तन लाता है! और परिवर्तन बलिदान मांगता है!", कर्ण ने जवाब में कहाँ (सूर्यपुत्र कर्ण एपिसोड 59)
10. "योग्यता एक प्रवाह है, जीस पर कोई अंकुश नही लगा सकता।", कर्ण ने द्रोण से कहा 64
11. "संकल्प की कोई मर्यादा नही होती!', कर्ण ने भीष्म से कहा
12. "समय की चाल में आहट नही होती!", भीष्म ने धृतराष्ट्र से कहां (कर्ण एपिसोड 71)
कलर्स चॅनेल "लव कुश" सिरीयल डायलॉग कालेक्शन (2019)
1. "सत्य को ज्यादा समय तक रहस्य बनाकर नहीं रखा जा सकता, वनदेवी! सही समय आने पर सूर्य के भांती वह प्रगट हो ही जाता है!", महर्षी वाल्मिकी ने देवी सीता से कहाँ।
2. "विचार अगर मन को व्याकुल करें तो, परामर्श कर लेना चाहीए!", राम ने सीता की सभी बहनो सें कहाँ!
3. देवी सीता और महर्षी वाल्मिकी ने श्रीराम के भतिजों से कहां, "सुख सुविधाएँ हमेशा अध्ययन में बाधा उत्पन्न करती हैं!"
कलर्स चॅनेल "महाकाली" सिरीयल डायलॉग कलेक्शन (2018)
1. "किसींसे सुना हुवा ग्यान किसी और को सुना देना एक उपदेश हो सकता है, किंतु सत्य नही!", भगवान शंकर ने सती से कहाँ।
2. "शिव जी सत्य है, और सती वहां है जहाँ सत्य है!" सती शंकर से कहती है जब वह अपने पिता का घर छोडकर शंकर के पास चली आती है!
3. "वो घर घर ही नहीं, जो बेघर होने का डर दिखाये!" सती अपने पिता दक्ष से जब वे सती को बेघर करने की धमकी देते है अगर सती शंकर से मिली!
4. "वो प्रेम ही क्या, जो तर्क के आधार पर टीका हो?", भगवान शंकर ने सती से कहाँ।
5. "अधिकार उसका नही जो हमें जन्म दें। अधिकार तो उसका है जो हमारे अस्तित्व को पहचान दें!" सती अपने पिता दक्ष से शंकर के बारे में कहती है!
6. "नदी को पता होता है की वह सागर से मिलकर अपना अस्तित्व खोने वाली है, फिर भी वह पर्वत से निकलकर इतने दूर का सफर क्यों करती है? क्योकीं उसे सागर से एक नयी पहचान मिलती है!", सती ने शंकर से कहाँ।
सोनी टीव्ही "पोरस" सिरियल डायलॉग कलेक्शन (2018)
1. "याद रखना पोरस, अलेक्झांडर ऐसी धारा हैं, जिसे भटकाया तो जा सकता है, लेकीन रोका नहीं जा सकता!"- चाणक्य ने पोरस से कहांँ। (20 जून 2018, सोनी टिव्ही, पोरस)
2. "दुश्मन अगर तोहफा भेजे तो समझ लेना चाहिए की वह दोस्त बनना चाहता है!", अलेक्झांडरने रोक्झॅना से कहाँ.(31मई 2018, सोनी, पोरस)
3. "राजा सिंहासन को नहीं, सिंहासन राजा को चुनता हैं. सिंहासन एक वस्तू नहीं बल्की एक सोच हैं!", चाणक्य पुरू से कहते है।
संकलन: निमिष सोनार
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